आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी ) इलाज़ के बाद गर्भावस्था के दौरान रक्तस्त्राव (ब्लीडिंग/स्पॉटिंग)
आईवीएफ मैं सफलता मिलने के बाद गर्भावस्था के दौरान एवं भ्रूण प्रस्थापन (एम्ब्र्यो ट्रांसफर – ET ) के बाद रक्तस्त्राव होना सामान्य बात है .
क्या भ्रूण प्रस्थापन के बाद रक्तस्त्राव होना सामान्य बात हैं ?
आंकड़ों के अनुसार आईवीएफ प्रग्नेंसी में 25% महिलाओ को शुरू के 3 माह में रक्तस्त्राव होने की संभावना होती है । अर्थात हर चार मे से एक महिला को आई.वी.एफ. के बाद के पहले ३ महीनों मैं ब्लीडिंग या रक्तस्त्राव हो सकता है |
भ्रूण प्रस्थापन के बाद रक्तस्त्राव होने पर क्या करना चाहिए ?
भ्रूण प्रस्थापन के बाद रक्तस्त्राव होने पर किसी भी मरीज़ का घबराना एवं डरना स्वाभाविक है , ऐसे में आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना है –
- प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन कि खुराक बढ़ाना है , यह गर्भाशय को शिथिल बनiता है । जिससे गर्भपात होने का खतरा कम हो जाता है ।
- इंदौर इनफर्टिलिटी क्लिनिक द्वारा प्रोजेस्ट्रॉन की निम्न खुराक तय की गयी है –
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- टेबलेट Duphaston 10 mg की चार गोली एक साथ खा लेनी है
- इंजेक्शन Susten 100 mg Intramuscular ( कमर ) पर लगवाए ।
- रक्तस्त्राव होने पर क्लिनिक पर पहुंचने की जल्दी ना करें , घर पर आराम करें तथा बताई गयी दवाई व इंजेक्शन अपने घर के आस पास कहीं भी ले लें | इंजेक्शन लगवाने के बाद क्लिनिक पर सूचना दें । आपको उसी दिन या अगले दिन सोनोग्राफी के लिए बुलाया जाएगा |
- यदि आपको अत्यधिक रक्तस्त्राव या असहनीय दर्द हो, तो आप तुरंत अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में आ सकते हैं | स्त्री रोग विभाग हर दिन, 24 घंटे खुला रहता है एवं ड्यूटी पर हेमेशा डॉक्टर्स उपलब्ध रहते हैं | जब इमरजेंसी मैं आयें, तो अपनी फाइल अवश्य साथ ले कर आयें ।
- अगर आप बताई हुई दवाइया ले चुके हे और फिर भी कुछ समझना चाहते तो क्लिनिक पर आकर हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर गजेंद्र तोमर / नीना सोमानी से मिल सकते है।
- आमतौर पर मरीज को क्लिनिक पर बुलाकर सोनोग्राफी द्वारा गर्भ के सुरक्षित होने की पुष्टि की जाती है।
- बहुत सारे मामलो में पुनः रक्तस्त्राव हो सकता है जिसमे चिंता की कोई बात नहीं होती। आमतौर पर इस तरह रक्तस्त्राव होने पर गर्भावस्था में कोई प्रभाव नहीं पड़ता।