जब आई.वी.एफ. या टेस्ट ट्यूब बेबी द्वारा इलाज के बावजूद गर्भधारण नहीं हो पाता है तो यह स्थिति केवल मरीज़ ही नहीं बल्कि चिकित्सक के लिए भी अत्यंत निराशाजनक होती है| मरीज़ को कई बार यह लगता है की यदि एक बार आईवीएफ विफल हो गया तो आगे कुछ नहीं हो सकता है|
जानिये आई.वी.एफ.के बारे मे कुछ आवश्यक तथ्य:
- निःसंतान दम्पति को ये समझना होगा की सामान्यतः आईवीएफ की सफलता दर अच्छी से अच्छी परिस्थिति मे भी 60 – 65 % होती है| इसका मतलब यह है की आई.वी.एफ के एक प्रयास मे तकरीबन 40% महिलाएं गर्भधारण करने मे असमर्थ होती हैं|
- आईवीएफ के विफलता दर की यह कड़वी सच्चाई इलाज शुरू होने से पहले समझ ली जाय तो बेहतर है |
- यह सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी है की सभी आवश्यक मापदंड अनुकूल है या नहीं |
- एक सफल आईवीएफ के लिए आवश्यकता होती है : अच्छी बच्चेदानी, अच्छे शुक्राणु, अच्छे अंडाणु जिसके फलस्वरूप अच्छे भ्रूण बन सकें एवं आसान भ्रूण प्रस्थापन या एम्ब्र्यो ट्रांसफर की प्रक्रिया हो सके। यदि यह सब ठीक हो, जैसे की अच्छे ग्रेड A के भ्रूण, 8mm या इससे अधिक ट्रिपल लेयर एंडोमेट्रियम और आसान भ्रूण प्रस्थापन, तो वापिस इसी तरह IVF का प्रयास दोबारा करना चाहिए क्योंकि अक्सर यह सिर्फ सही समय एवं निरंतर प्रयास की बात होती है।
- IUI, इकसी, ब्लास्टोसिस्ट कल्चर, सरोगसी, एग डोनेशन जैसी अन्य पद्धतियों के बारे में अपने आईवीएफ विशेषज्ञ से चर्चा करें| यदि ज़रूरत पड़े तो इन विकल्पों को अपनाने से गर्भधारण करने में सफलता मिल सकती है|
- आईवीएफ के इलाज या किसी भी और इसी तरह के इलाज मे 100 % गारन्टी की उम्मीद न रखें| सिर्फ सही तरीके से इलाज एवं आपके और आपके चिकित्सक की 100% मेहनत की उम्मीद रखें|
- यदि किसी कारणवश आपको यह लगता है की आपको उपचार के सही विकल्प या इलाज में अपेक्षित स्पष्टता नहीं मिल पा रही है, तो किसी अन्य चिकित्सक से दूसरी राय और एक नयी शरुआत करने मे कोई नुकसान नहीं है|
सारांश यह है की आईवीएफ मे यदि आपके पास आवश्यक धैर्य और धीरज है, तो गर्भधारण करने मे सफलता ज़रूर मिलती है| यदि सब कुछ अच्छा है और एक बार में सफलता नहीं मिलती है, तो वही इलाज दोबारा करना चाहिए क्योंकि एक बार में ही गर्भधारण कर लेना ज़रूरी नहीं है. कई बार सिर्फ निरंतर प्रयास सही दिशा मे करने की आवशक्यता होती है|